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लक्ष्मण मन्दिर का इतिहास एवम संरचना

सिरपुर के लक्ष्मण मंदीर का निर्माण सन् 525 से 540 के बीच हुआ था श्रीपुर सिरपुर में शैव राजाओं का शासन हुआ करता था। इन्हीं सब राजाओं में से एक थे सोमवंशी राजा हर्ष गुप्त। हर्ष गुप्त की पत्नी रानी वस्टा देवी वैष्णव संप्रदाय से संबंध रखती थी, जो मगध नरेश सूर्य वर्मा की बेटी थी। राजा हर्ष गुप्त की मृत्यु के बाद ही रानी ने उनकी याद में इस मंदीर का निर्माण कराया था। यही कारण है की लक्ष्मण मंदीर को एक हि......

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विनाशकारी आपदाओं को झेलने वाला प्रेम का प्रतीक

अक्सर हमें प्रेम के प्रतीक में आगरा के ताजमहल के बारे में ही बताया गया। लेकिन एक नारी और पुरुष के वास्विक प्रेम के प्रतीक सिरपुर के लक्ष्मण मन्दिर को हमारी जानकारी से हमेशा दूर रखा गया क्योंकि यह एक हिंदू मन्दिर था। एक नारी का अपने राजा के प्रति प्रेम इतना प्रगाढ़ था की उन्होंने एक ऐसे मन्दिर का निर्माण कराया जो कई आपदा को झेलने के बाद भी आज उसी स्वरूप में है । जैसे आज से 1500 वर्ष पहले था। ऐत......

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गुप्तकालीन मन्दिर

इस स्थान पर बने ईंटों के बने गुप्तकालीन मन्दिरों के अवशेष हैं। जो सोमवंशी के नरेशों के अभिलेखों से 8वीं सती के सिद्ध होते हैं। यह परौली और भीतर गांव के गुप्तकालीन मन्दिरों की परंपरा में है। श्री कुमारस्वामी ने भूल से इन मन्दिरों को छठी सती का मान लिया था। 1954 ईसवी के उल्लेखनं में भी यहाँ पर उत्तर गुप्तकालीन मन्दिरों के अवशेष मिले है।

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गंधेश्वर् महादेव का मन्दिर

सिरपुर का एक अन्य मन्दिर गंधेश्वर् महादेव का है। जो महानदी के तट पर स्थित है इसके दो स्तंभों पर अभिलेख उतकृ है। कहा जाता है की जिमनाजी भोंसले ने इस मंंदिर का जिरणोंद्धर् करवाया था एवम इसकी व्यवस्था के लिए जागीर से नियत कर दी थी यह मन्दिर वास्तव में सिरपुर के अवशेषों की समाग्री से ही बना प्रतीत होता है । सिरपुर से बौद्ध कालीन अनेक मूर्तियाँ भी मिली है जिनमें तारा की मूर्ति सर्वाधिक सुंदर है। सिरपु......

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सिरपुर का इतिहास

सिरपुर में महानदी का वही स्थान है जो भारत में गंगा नदी का है। महानदी के तट पर स्थिति सिरपुर का अतीत सांस्कृतिक विविधता तथा वास्तुकला के लालित्य से ओत-प्रोत रहा है। सिरपुर प्राचीन काल में श्रीपुर के नाम से विख्यात रहा है तथा सोमवंशी शासकों के काल में इसे दक्षिण कौसल की राजधानी होने का गौरव हासिल है। कला के शाश्वत नैतिक मूल्यों एवं मौलिक स्थापत्य शैली के साथ-साथ धार्मिक सौहार्द्र तथा आध्यात्मिक ज्ञ......

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