Sirpur Special Area Development Authority

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  • Sirpur
    Development
  • सिरपुर विशेष क्षेत्र
    विकास प्राधिकरण

    छत्तीसगढ़ के स्वर्णिम इतिहास की धरोहर,
    समृद्धशाली आधुनिक नगर सिरपुर |

  • पुरखेति
    के चिन्हारी

    सिरपुर: विरासत का खजाना, समय के पार।

Shri Vishnu Dev Sai, CM Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ शासन ने 16 मार्च 2015 को जारी राजपत्र में ऐतिहासिक, पुरातात्विक और सांस्कृतिक वैभव से संपन्न छठवीं शताब्दी के अत्यंत उन्नत व दक्षिण कोशल की राजधानी रही श्रीपुर (सिरपुर) को विश्व विरासत बनाने के उद्देश्य से नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 64 के तहत 34 ग्रामों को सीमांकित करते हुए सिरपुर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के गठन का निर्णय पारित किया |

Shri O P Choudhary, Housing Environment Planning

Mrs. R Sangeetha, Secretary Housing & Environment, C.G

Chhattisgarh Government, in its Gazette, issued on March 16, 2015, under Section 64 of the Town and Country Planning Act 1973 intending to make Sripur (Sirpur), which was the highly advanced capital of South Kosal of the sixth century, rich in historical, archaeological and cultural splendor, as a world heritage. Under this, a decision was passed to form Sirpur Special Development Authority by demarcating 34 villages.

Shri Y Rajendra Rao, CEO, Sirpur Special Area Development Authority

सिरपुर के महत्वपूर्ण तथ्य

भारत के छत्तीसगढ़ ऱाज्य के महासमुंद जिले के सिरपुर ग्राम में महानदी के किनारे स्थित पांचवी और बारहवीं शताब्दी में बने हिन्दू, जैन और बौद्ध धार्मिक स्थापत्यों का एक समूह है | यह छत्तीसगढ़ की राजधानी, रायपुर से 78 किलोमीटर पूर्व में स्थित है | यह स्थान कभी दक्षिण कौशल राजाओं की राजधानी रहा था | |

1950 के बाद स्थल उत्खनन, विशेष रूप से 2003 के बाद, में 22 शिव मंदिर, 5 विष्णु मंदिर, 10 बुद्ध विहार, 3 जैन विहार, एक 6वीं/7वीं सदी का बाजार और स्नान-कुंड (स्नान घर) मिले हैं। यह स्थल व्यापक सिंक्रेटिज़्म को दिखाता है, जहाँ बौद्ध और जैन मूर्तियाँ या चिह्न शिव, विष्णु और देवी मंदिरों के साथ मिलती हैं।

चीनी यात्री व्हेनसांग ने अपनी 518 ई.पू की यात्रा वृत्तांत में सिरपुर का वर्णन किया है | ऐतिहासिक पुस्तक के तथ्य बोलते हैं कि व्हेन सांग ने यहाँ 100 संघाराव (बिहार) एवं 1000 महायानी बौद्ध भिक्षुओं को निवास करते देखा था। सिरपुर उत्खनन से प्राप्त मूर्तियों के विशाल भंडार जिन पर बज़यानी पथियों का प्रभुत्व दिखाई देता है तथा ये मूर्तियों तंत्रवाद का प्रतिनिधित्व करती हैं। इससे प्रमाणित होता है कि व्हेन सांग श्रीपुर ही आया था। उसने श्रीपुर के दश्रिण को ओर एक पुराने विहार एवं अशोक स्तूप का वर्णन किया है यहाँ भगवान बुद्ध ने शास्त्रार्थ में विद्वानों को पराजित कर अपनी अनौकिक शक्ति का प्रदर्शन किया था। इतिहासकार यह भी कहते हैं कि यह एख ऐतिहासिक सत्य है कि जिन-जिन स्थानों को भगवान बुद्ध ने अपने चरणों से पवित्र किया था उस पर अशोक ने स्तूप का निर्माण कराया था। व्हेने सांग का यात्रा वृतांत जो इस तथ्य को सत्य के नजदीक लाता है।

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